*मुस्लिम आरक्षण को लेकर वरोरा में तहसील कार्यालय के सामने प्रदर्शन*
वरोरा प्रतिनिधि – जुबेर शेख
वरोरा – महाराष्ट्र में 80% मुस्लिम समुदाय आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है। मुस्लिम समुदाय को विकास की प्रक्रिया में लाने के लिए दोनों आयोगों, न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा और न्यायमूर्ति सच्चर ने सरकारी सबूत साबित किए हैं। मुस्लिम समुदाय को विकास की प्रक्रिया में लाने के लिए आएं आयोगों ने संविधान के प्रावधानों के अनुसार शिक्षा और रोजगार में आरक्षण की सिफारिश की है।
महाराष्ट्र सरकार की डॉ महमूदुर रहमान समिति ने एक सर्वेक्षण किया और मुस्लिम आरक्षण की सिफारिश की। और संविधान के अनुच्छेद 14/15 और 16 (4) के अनुसार, महाराष्ट्र में पिछड़े वर्ग के मुसलमानों के लिए 5% आरक्षण “विशेष पिछड़ा वर्ग” बनाकर ए” (एसबीसी-ए) जुलाई 2014 को प्रदान किया गया था। जिस तरह मराठा समुदाय पर विचार किया जा रहा है, मुस्लिम समुदाय ने भी आरक्षण के लिए आगामी सम्मेलन में आरक्षण की मांग की है। बारिश के दौरान आंदोलन में पूरा मुस्लिम समुदाय मौजूद था। आरक्षण नहीं दिया तो वोट नहीं देंगे।उपमंडल अधिकारी वरोरा के माध्यम से मुख्यमंत्री को बयान जारी किया गया है।