*डॉ.हरिभाऊ आदमने कला वाणिज्य महाविद्यालय शिक्षा का केन्द्र या “चड्डी डाँन्स” का अड्डा* *विद्यामंदिर बना प्राचार्य,लेक्चरर और कर्मचारीयो के ऐय्याशी का अड्डा* *व्यस्थापन समिती के पदाधिकारी बने मुकदर्शक*

*डॉ.हरिभाऊ आदमने कला वाणिज्य महाविद्यालय शिक्षा का केन्द्र या “चड्डी डाँन्स” का अड्डा*

 

*विद्यामंदिर बना प्राचार्य,लेक्चरर और कर्मचारीयो के ऐय्याशी का अड्डा*

*व्यस्थापन समिती के पदाधिकारी बने मुकदर्शक*

मुख्य संपादक – किशोर ढूँढेले

सावनेरः शहरके डॉ.हरिभाऊ आदमने कला वाणिज्य महाविद्यालय इन दिनो वहा कार्यरत कर्मचारीयोके कारगुजरीयोसे सुर्खीयोमे है*

*महाविद्यालय को परिसरमे चड्डी डाँन्स कर सुर्खीयोमे लाने का प्राचार्य विरेंद्र जुमडे व कर्मचारीयोका प्रयास*

*ज्ञात हो की 22 जुलई की श्याम महाविद्यालय के प्राचार्य विरेंद्र जुमुडे व्दारा काँलेज के पास ही रहनेवाली अल्पवयीन लडकी को छेडछाड करणे का मामला उजागर हुँआ.छेडछाड का मामला थाने पहुचाँ और अब प्राचार्य विरेन्द्र जुमडे फीलहाल हवालात की हवा खा रहे है*

*उक्त घटनाकी सच्चाई जानने हेतू हमारे संवाददाताने जाँच पडताल की जीससे घटनाके दिन काँलेज परिसरमे कार्यलयीन समयके बाद प्राचार्य विरेंद्र जुमडे और उनके अधिनस्थ लेक्चरर और कर्मचारीयोने दि.22 जुलई को हुयी झमाझम बारीश मे जमजर शराब छकी और जब शराब का नशा सर चढकर बोलने लगा तो एक दुसरेके बदनसे कपडे उतारना और फीर शुरू हुआँ चड्डी डाँन्स.शराबके नशेमे सभीने चड्डीपर जमकर ठुमके लगाये और इसी नशेके तालमे 55 वर्षीय प्राचार्य विरेंद्र केशव जुमडेने अपने पद,प्रतिष्ठा और उम्र की सभी सीमाये लांघते हुये चड्डीपर ही अर्धनग्न अवस्थामे काँलेज के करिब ही रहनेवाले आदिवासी परिवार के घर पहुचकर उक्त घु्णीत कार्य करणे की जानकारी आगे आई.तथा उक्त घटनाकी पुष्टी महाविद्यालयके कुछ कर्मचारीयोने अपना नाम आगे ना आने के शर्त पर की*

 

*इससे पहले भी हुँये ऐसे काँड*

*डॉ.हरिभाऊ आदमने कला वाणिज्य महाविद्यालय मे दि.22 जुलई को घटीत घु्णीत कांड कोई पहली घटना नही है.जबसे विरेंद्र जुमडे ने इस महाविद्यालयके प्राचार्य पद की कमान सम्हाली है तबसे ऐसी घटनाये आम बात है.इसी डरसे अनेकोने अपने कार्यकालसे पहले ही स्वेच्छानिवृत्ती लेकर इस संस्थासे रामराम ली तो वही अनेक मामले अदालत और नागपुर विद्यापीठमे विचाराधीन है.

*सण 2020 मे एक और सारा देश कोरोना संक्रमण के आगमनसे भयावह था.देश व राज्य की सरकारे लाँकडाऊध लगाकार देशवासीयोकी जान बचानेकी जुगत कर रही थी.समस्त देश रुकसा गया था.एक शहरसे दुसरे शहर आवागमन बंद था ऐसे मे इन महाशयोने अपने साथीयोके साथ काँलेज विद्यालय बंद होते हुये भी अपने पद का दुरूपयोग करते हुये मटन और दारू पार्टीके मजे लीयेथे और जब मामला उजागर हुआँ तो पद,पैसा,प्रतिष्ठा और रुबाब के दमपर मामला निपटाया गया था*

*ग्रामीण क्षेत्र मे 1965 से राष्ट्र विकास संस्था व्दारा स्थापित यह कला वाणिज्य महाविद्यालय से हजारो ही नही लाखो छात्रोने शिक्षा ग्रहण कर अपने परीवार,समाज और शहर का नाम रौशन कीया.माँ सरस्वती के इस पवित्र मंदीर को कलंकित कर अपने हवस का अड्डा बनाने वाले इस प्राचार्य और उसके साथी कर्मचारीयोको शिध्र निलंबित करणे की मांग समाजसेवी तथा वरिष्ठ पत्रकार किशोर ढुंढेले तथा समाजसेवीयोने की है*

*उक्त शरमींदगी भरी घटना पर राष्ट्र विकास शिक्षण संस्था खापा के अध्यक्ष दामोधर बुलकाजी पराते ने अपनी राय देते हुये कहा की यह एक निंदनीय घटना है तथा ऐसी विकु्त मानसिकता का संस्था कभी समर्थन नही करेगी एंव शिध्र अपने पेशेसे तथा विद्यामंदिरोकी पवित्रता भंग करणेवालोपर योग्य कारवाई करणेकी तयारी संस्था संचालको व्दारा की जाने की बात कही*

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