*सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक, तना छेदक का प्रकोप* *फल्लियों दाना बनने से पहले पीली पड़कर सूख रही* *किसानों ने की सर्वे कर राहत राशि दिलाने की मांग!*

*सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक, तना छेदक का प्रकोप*

 

*फल्लियों दाना बनने से पहले पीली पड़कर सूख रही*
*किसानों ने की सर्वे कर राहत राशि दिलाने की मांग!*

कोंढाली संवाददाता – दुर्गाप्रसाद पांडे

काटोल – किसानों के खेती करने के सीजन में ही विगत दो वर्षों से कोरोना के प्रकोप से परेशान किसानों ने जैसे तैसे उबरकर खरीफ की बोवनी की थी। सोयाबीन की फसल पर फल्लियों यों में दाना बनने का समय आया तो अब कीट, बीमारी का प्रकोप फसलों पर छा गया। काटोल तहसील में सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक, गर्डल बीट (तना छेदक इल्ली) का प्रकोप होने से फसल खराब हो रही है। खरिफ फसल में सोयाबीन के फल्लियों में दाना बनने की जगह पीली पड़कर सूख रही है। किसानों ने जिला प्रशासन तथा कृषी तथा ग्राम विकास प्रशासन द्वारा सर्वे की मांग करते हुए राहत राशि दिलाने की माग की है।


काटोल तहसील में सोयाबीन फसल में तना छेदक मक्खी, पीला मोजेक और फफूंद लगने से किसानों की सोयाबीन की 80 फीसदी फसल सूखने की कगार पर है। पिछले दिनों हुई बारिश तथा बादलों नें जमाये डेरों के चलते किसान दवाई का छिड़काव भी नहीं कर पाए जिन्होंने छिड़काव किया भी तो उसका प्रभाव नही हुआ। ग्राम पानवाडी के किसान बबन कुमेरीया,राजेश मोहरीया, शिवकुमार बसेवार, तथा मेंडकी निवासी अंगद भैसवार के मोसंबी तथा संतरा के बागानों पर ब्राऊणरॅट के प्रकोप के निरिक्षण करने काटोल तहसील कृषी अधिकारी सुरेश कन्नाके, प्रादेशिक फल संशोधन केंद्र के किटकशात्रज्ञ डाक्टर प्रदीप दवणे,सागर अहिरे, मंडल कृषी अधिकारी ईशान सुदामे, निचिकेत मलमकर, आदी द्वारा किसानों को सोयाबीन तथा मोसंबी संतरा बागनों पर ब्राऊणरॅट के प्रकोप से संतरा तथा मोसंबी की फसल को बचाने के लिये आवश्यक मार्गदर्शन कर कृषी औषधियों के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी।

काटोल तहसील के बोरगाव, कचारी सावंगा, चिखली, मासोद, आदि ने बताया कि क्षेत्र में करीब 12 सौ एकड़ की सोयाबीन फसल पर कीटों का प्रकोप हुआ है। किसानों ने बताया कि तना छेदक इल्ली (गर्डल बीट) रातों रात पत्तों व तनों को चट कर रही हैं। पौधों में फल्लियां दाना बैठने से पहले ही पीली पड़कर सूख रही हैं। कई जगह तो फलियां पौधों से गिरने भी लगी हैं। कीटनाशक सहित सारे उपाय फसलों पर कर लिए, लेकिन फसलों को नुकसान होना बंद नहीं हुआ है। किसानों ने मांग की है कि कृषि विभाग जल्द से जल्द उनकी फसलों का सर्वे करे और प्रशासन से राहत दिलाएं।  यहां के किसानों किसान संघ कल अवगत कराया कि किसानों की खराब फसलों का तत्काल सर्वे कराया जाए एवं धारा 64 के तहत किसानों को राहत राशि दी जाए। जिला प्रशासन के द्वारा सर्वे को लेकर उचित निर्णय नहीं लिया जाय यह मांग की है।


विगत वर्ष भी काटोल तहसील में सोयाबीन के फसल पर तना ईल्ली के नैसर्गिक प्रकोप के चलते स्थानिय किसानों की 70प्रतिशत से अधीक का नुकसान हुआ था पर अब तक भी मुआवजा नही मिला, इस वर्ष भी सोयाबीन के फसल पर तनाईल्ली तथा मोज्याक का भारी प्रकोप के चलते सोयबीन की फसल नष्ट होने के कगार पर है ।
कृषी अधिकारी खेतों में पहूंचकर सोयाबीन तथा संतरे मोसंबी की फसलों पर आये प्रकोप से बचाने के लिये उपाय बाता रहे हैं । पर सोयाबीन के फसल पर तनाईल्ली तथा मोज्याक के भारी प्रकोप के प्रभाव में आ गयी है । ऐसे में काटोल तहसील के सभी सोयाबीन के किसानों के सर्हे कराने तथा उचीत मुआवजा देने की मांग चंद्रशेखर कोल्हे , सलील देशमुख,समीर उमप, अनूप खराडे गणेश चन्ने आदी द्वारा की गयीहै।

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