*डिज़ल का टोटा एस टी का धंधा हूआ खोटा* *डिजल के आभाव के चलते काटोल डेपो के 95% बस सेवा प्रभावीत*

*डिज़ल का टोटा एस टी का धंधा हूआ खोटा*

*डिजल के आभाव के चलते काटोल डेपो के 95% बस सेवा प्रभावीत*


कोंढाली संवाददाता – दुर्गाप्रसाद पांडे
काटोल – महराष्ट्र राज्य परिवहन निगम अर्थात (एस टी महामंडल) नागपुर विभाग के काटोल डेपो में डिज़ल के (शाॅर्टेज) कमी के चलते यहां के एस टी डेपो के 95%बस सेवा लडखडा गयी है। ग्रामीण आंचल मे कहा जाय तो डिजल का टोटा एस टी का धंदा हुआ खोटा के तर्ज पर काटोल डेपो पर डिजल कमी कमी सकी भारी मार पड रही है । फलस्वरूप यात्रियों तथा स्कूली छात्र -छात्राओं को घंटो समय बिताने पर भी ग्रामीण आदिवासी बाहूल क्षेत्र में बस सेवा बंद रही।
प्राप्त जानकारी के अनुसार काटोल तहसील पढाई के क्षेत्र में अग्रणीय तहसील मानी जाती है। साथ ही यहां के ग्रामिण आंचल के किसान तथा खेतीहर मजदूर भी एस टी के प्रवास को महत्व देते हैं ।
डेढ़ वर्षों से एस टी महामंडल द्वारा यात्री सेवा बंद रहने से रा प नि की कमर पहले ही टूट चूकी है। राज्य सरकार के सहयोग से रा प नि के कर्मचारी तथा अधिकारीयों का वेतन का भुगतान किया जा रहा है। विगत सितंम्बर माह से एस टी का यात्री सेवा परिचलन तो कुछ हद तक बढा जरूर है, फिर भी काटोल डेपो कि ही बात ले तो कोरोना संक्रमण के पहले 72बसों द्वारा 45हजार किलोमिटर तक बसे सवारीयों को ढोती थी। वर्तमान समय में45 बसों के माध्यम से मात्र चौदह हजार कि मी का परिचलन जारी है।
पहले यात्रियों कमी के चलते लंबे दुरी की बसों का परिचलन बंद किया गया था। अब जबकी यात्री बस स्टेशन पर पहूंच रहे हैं ऐसे मे पहले ही बसों के कमी से जूझ रहे काटोल बस डेपो अब डिज़ल के कमी की मार झेल रहा है । इसका सीधा परिनाम एस टी अर्थिक नुकसान हो रहा है ।
इसके लिये अब डिज़ल के रोने से उबरकर डेपो के लिये बसें बढायी जाने की मांग रा प नि के संगठनों के साथ छात्रसंगठणा तथा ग्रामिण आंचल के ग्राम प्रधान तथा यात्रियों द्वारा की गयी है ।
इस विषय पर काटोल डिपी प्रबंधक डि एम रंगारी से पुंछने पर बताया की डिज़ल के कमी के चलते विगत दो दिनों से रा प नि की यात्री सेवा प्रभावित हुई है, साथ ही बसों की कमी के चलते यात्री सेवाओं पर तथा स्कूली बस फेरियों पर भी पडा है । पर यह समस्या डिज़ल की आपुर्ती रूक जाने हो रही है। इस का समाधान जल्दी ही निकाला जायेगा तथा यात्रियों तथा छात्रों की स्कूल बसों का नियमन भी सुचारू ढंग से किया जायेगा।
कोंढाली के बस स्टेशन से प्रतिदिन दो हजार छात्र-छात्राऐं आदिवासी बाहूल क्षेत्र से कोंढाली पढने आते हैं । डिज़ल के कमी से बस सेवा प्रभावीत होने से छात्रों के पढाई पर असर पडने की जानकारी कोंढाली के जनप्रतिनिधि स्वप्निलसिंह व्यास, छात्र कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आकाश गजबे प्रशांत खंते, नितीन ठवले द्वारा
ग्रामीण आंचल के छात्राओं तथा छात्रों के लिये स्कूल प्रारंभ तथा छूटने का समय का नियोजन कर बस सेवा शुरू करने की मांग की है ।

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