*सुकडती सड़के,बढते हादसे बने चिंता का विषय*
*फुटपाथ,मुख्य चौराहे और सडके समा रही अतिक्रमण के गाल मे तो प्रशासन एसी हाँल मे*
सावनेरः सावनेर शहर दिनब दिन समस्याओकी मकड़जाल मे धसता नजर आरहा है.स्थानिक प्रशासन की लापरवाहीसे कब कोई बडी अनहोनी हो कहा नही जासकता.
*कोरोनाकालके बाद शहरकी मुख्य समस्या बन रही शहरके मुख्य रास्तोपर सागभाजी,फल विक्रेताओपर अंकुश लगानेमे स्थानीय नगर प्रशासन के साथ साथ पोलीस प्रशासन भी पंगु नजर आने लगा है जीससे आये दीन छोटे बडे हादसे तथा अपने हातपैर तुडवाते शहरवासी अपनेआपको कोसने पर मजबुर हो रहे है.*
*बता दे की शहर के मुख्यमार्ग बाजार चौकसे गडकरी चौक,गडकरी चौकसे गांधी चौक,शिवाजी पुतला,बस स्टँड,नागपुर रोड स्थीत दुरभाष केन्द्र,हेल्थ युनिट जैसे महामार्ग भी अब स्थाई अतिक्रमणके चपेट आने लगे है जीससे हमेशाही हादसोका अंदेशा बना रहता है.ईस ओर नगर प्रशासन,पोलीस प्रशासन,सार्वजनिक बांधकाम तथा तहसील प्रशासन की संयुक्त कारवाई ही अब शहरवासीयोको इस जी का जंजाल बन रही अतिक्रमण की समस्यासे निजाद दीला दे तो ठीक वर्ना आये दीन होनेवाले सडक हादसोमे बढोतरी होनेकी आकांक्षा बनी हुयी है*
*शहरकी सडकोपर बाहरी लोगोका डेरा*
*प्राप्त जानकारी के अनुसार शहरके फुटकर सागभाजी तथा फल विक्रेता नगर.प्रशासन व्दारा आवंटीत जगहपर बैठकर जैसे तैसे अपना व्यापार कर थहे है.वही आसपडोसके गाव तथा राज्योसे आये आये बाहरी लोगोने शहरकी सडकोपर अपना हक जमाना शुरु कर दिया.जिसका नतीजा आये दिन शहरमे बढता अतिक्रमण,सुकडती सडको के साथ ही मारापीटी और गुंडागर्दीमेभी बढोतरी होने से शहरकी शांतीमे भी खलल पडने लगा है.प्राप्त विश्वसनीय जानकारी पर विश्वास कीया जाय तो रास्तोपर बढ रहे अतिक्रमण हेतू नगर प्रशासनके बाजार चिठ्ठी वसुली अधिकारी तथा कुछ करँमचारीयोकी मीलीभगत के कारण शहर की सडकोका सत्यानाश हो रहा है.ऐसा नही की अधिकारी कोई कारवाई नही करते.कुछ महिने पहले मुख्याधिकारी हर्षला राणे के नेतृत्वमे शहरके अतिक्रमणका सफाया बढेही जोरशोरसे कीया गया.जीसे शहरकी जनताने सराहा भी और शहरकी व्यस्ततम सडके आवागमन हेतू खुली हुँयी कींतू मुख्याधिकारी हर्षला राणे यह लेडी सिंघम वाली स्टाईल भी फुसकी पटाखा साबीत हुँयी और फीरसे शहरकी सडकोपर अतिक्रमणकी फसल उगने लगी.विश्वस्त जानकारी तो यहा तक है की शहरकी सडकोपर अतिक्रमण करणेवाले ये बाहरी लोग एक की चार दुकाने लगाकर शहरकी सुंदरतामे चार चांद लगा रहे है.ईनकी हिम्मत इतनी बढ चली है की अब यह जगह 30-30 हजार रुपयेमे बेचकर शहरमे ही दुसरी जगहोपर नया डेरा डाल रहे है.उन्हे पता है नगर प्रशासन और पोलीस उनका कोई कुछ नही उखाडने वाला.क्योकी यह कारवाई करना कीसी ईक्का-दुक्का अधिकारी का काम नही.और कोई ईक्का-दुक्का अधिकारी कारवाई करणे आये तो ये उसपर हमला करणेको तक नही चुकते.जिससे शहरकी मुख्य सडके,चौराहे अतिक्रमणके मकड़जालसे सीकुडते जारहे है.वक्त रहते ईस समस्याका पुर्णकालीक इंतजाम नही कीया गया तो स्थीती औरभी विकराल बन सकती है*
*प्रशासकीय प्रयास हो*
*ज्ञात है की नगर पालीका व्दारा अतिक्रमण अथवा अन्य जनसमस्याओका निपटारा करणेसे पहले सत्ताधारी और विपक्ष गुट को रोडा पार करणा होता है लेकीन महाराष्ट्रके सभी नगर निगम,नगर पंचायत तथा महानगर पालीकाके नगरसेवक तथा पदाधिकारीयोका कार्यकाल फरवरी माहसे समाप्त होकर गत फरवरी माहसे सावनेर नगर पालीका कार्य प्रशासकीय व्यवस्थासे चल रहा है जहा सावनेर क्षेत्रके उपविभागीय अधिकारी अतुल म्हेत्रे तथा मुख्याधिकारी हर्षाला राणेसे शहरवासी इस विकराल बनती समस्यासे नीजात दिलानेकी आशा लगाये बैठे है*