*श्रावण मास विषेश* *पौराणिक महत्व प्रात त्रंबकेश्वर शिवमंदिर श्रीक्षेत्र आदासा*

*श्रावण मास विषेश*

 

*पौराणिक महत्व प्रात त्रंबकेश्वर शिवमंदिर श्रीक्षेत्र आदासा*

मुख्य संपादक – किशोर ढूंढेले

सावनेरः सावनेर मुख्यालयसे करिब आठ कीमी दुरीपर नैसर्गिक सुंदरतासे ओतप्रोत श्रीक्षेत्र आदासा “शमिविघ्नेश गणेश” मंदिर के नामसे प्रसिद्ध पौराणिक मंदिर परिसरमे प्राचीन भव्य त्रंबकेश्वर शिवमंदिर,लेटे हुये महारुद्र हनुमानजी,भौरवनाथ मंदिर,दुर्गा मंदिर,नागठाना,गुफा मंदिर सहीत अनेक पौराणिक मंदिर है.उची पहाडीपर हेमाडपंथी कारागीरो व्दारा बनाये इस दक्षिणमुखी त्रंबकेश्वर शिवमंदिर मे श्रावण मास मे श्रध्दालू बडी आस्थासे पहुचकर अपनी मनोकामनाऐ पाते.*


*इस मंदिरमे विराजमान शिवलिंग हुबेहूब नाशिक स्थीत त्रंबकेश्वर मंदीर जैसे प्रतित होता है.प्राय देखा गया है की शिवलिंग पर एकही उभर होता है जो महेश याने शिवजीका प्रतिक होता हे परंतू इस शिवलिंग पर तीन उभर है जीसे ब्रम्हा,विष्णू,महेश के रुपमे देखा और पुजा जाता है*

*श्री क्षेत्र आदासा स्थीत गणेश मंदीर प्राचीन स्वंयंभु मंदीरो मे से एक है तथा पुराणो मे मीलने वाले उल्लेखो नुसार प्रतापी दानशूर बली राजा ने ईंद्रपद प्राप्ती करणे के लालसा मे घोर तपस्या कर 100 यज्ञो का संकल्प लीया था उसी कडी मे आदासा स्थित 100 यज्ञ पुर्ण होते ही राजा बली को ईंन्द्रपद प्राप्त होणा तय था यह यज्ञ पुरा न हो ईस वास्ते भगवान विष्णु ने वामन रुप धारण कर शमी वु्क्ष के निचे स्थीत गणेश की घोर आराधना कर शक्ती प्राप्त की तथा भगवान श्री शमी विघ्नेश के आशीर्वाद से बली राजा के यज्ञ मे पहुच कर यज्ञ को विध्वंन्स कर राजा बली से तीन पग जमीन दान मे मांगी राजा बली सहजता से ईस दान देने हेतू तयार हो गये तब वामन रुपी भगवान विष्णु ने विराट रुप धारण कर पहले पग मे धरती दुसरे मे आकाश व तीसरा पग राजा बली के सर पर रख उसे पाताल लोक पहुंचाया जीसका वर्णन पुराणो मे भी मीलता है…*


*महाशिवरात्री, गणेश चतुर्थी,तील चतुर्थी,श्रावण माहमे भव्य मेला लगना प्रारंभ हुआँ तभी से संपुर्ण विदर्भ से और मध्यप्रदेश से श्रध्दालु दर्शन तथा अपनी मनोकामना पुर्ती हेतू यहा बडी श्रध्दा से पहुचते है.तो वही त्रंबकेश्वर शिवमंदिर मे तिर्थक्षेत्र नाशिक जैसेही पीतु्दोष,कालसर्प आदी जैसे दोषोका निवारण हेतू शिवभक्त यहा आते है.कहा और मानाभी जाता है की इस शिवलिंगके दर्शन मात्रसे सारे दोष पुर्ण हो जाते है*


*क्षेत्रके विधायक तथा पुर्व मंत्री सुनील केदार तथा मंदिर व्यवस्थापन समितीके प्रयासोसे आदासा ग्रामवासीयोको रोजगार हेतू मंदिर व्यवस्थापन व्दारा खीलोने,पुजा सामग्री,श्रद्धालुओ के मनोरंजन हेतु मीना बजार तथा घर- घर हार फुलो व अनेक दुकानोकी व्यवस्था उपलब्ध है राज्य सरकारने इस पुरातन मंदिरको पौराणिक मंदिरोके क श्रेणीमे शामील कीये जानेके बादसे मंदिर तथा परिसर का तेजीसे सौदर्यकरण कीया जारहा है*

 

*आदासा गणेश मंदिरके सचिव अँड् श्रीकांत पांडे,जयंत मुलमुले विश्वस्त मोरेश्वर धोटे तथा अन्य पदाधिकारी सदस्योने मंदिर क्षेत्रके विकासकार्य तथा भाविक गणोको उचीत सुविधाये प्राप्त हो इसलीये प्रयासरत है*

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