*द्वितीय पुण्यस्मरण*
*स्व.सुमित्राबाई ढुंढेले*
*हमारी माताजी स्व.सुमित्राबाई का स्वर्गवास हुये दो वर्ष हो गये.ये दो वर्ष कैसे माँ बीन कैसे बीते पता ही नही चला*
*दो वर्ष पुर्व आज ही के दीन माँ का साया हमारे सर से उठ गया…*
*मानो हमारा भगवान हमसे रुठ गया.*
*हे परम पिता परमेश्वर हमारी माताजी की पावन आत्मा को अपने चरणोमे चिर शांती प्रदान करना…*
*माँ तुम जहाँ भी हो बस अपना आशीर्वाद समस्त परिवारपर बनाये रखना…*
*द्वितीय पुण्यस्मरण पर कोटी कोटी नमन…*
*समस्त शोकाकुल परिवार…*