*करोडों का राजस्व देने वाला कोंढाली- शिरमी काष्ठागार उपेक्षित* *वन मंत्री सुधीर भाऊ मुनगटीवार से अपेक्षा*

*करोडों का राजस्व देने वाला कोंढाली- शिरमी काष्ठागार उपेक्षित*


*वन मंत्री सुधीर भाऊ मुनगटीवार से अपेक्षा*

कोंढाली संवाददाता – दुर्गाप्रसाद पांडे
नागपुर – वन विभाग के कोंढाली वनपरिक्षेत्र के तहत कोंढाली- वर्धा राज्य राजमार्ग पर शिरमी काष्ठागार ( लकडा डिपो) है।यहां के काष्ठागार मे वन विभाग तथा आदिवासी सेवा सहकारी वन सोसायटी के तहत वन वृक्षो की कटाई के लकडे रखे जाते है. यहां सागवन के साथ साथ शेड्यूल वन तथा अन्य लकडा भी यहां जमा कर यहां से वन विभाग के नियमां नुसार शासन के आदेशों तहत बडे पैमाने पर लकडा निलामी की प्रक्रिया होती है.


*काष्ठागार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग*
यहाँ का वन काष्ठागार डिपो के पुख्ता इंतजाम के लिये आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति के लिये वरिष्ठ वन अधिकारी तथा वन मंत्री द्वारा सहयोग की मांग स्थानिय जनप्रतिनिधियों तथा सामाजिक संगठनों द्वारा कि गयी है। बताया जाता है की शिरमी काष्ठागार में प्रतीवर्ष 60करोड से अधिक के लकडा निलामी होती है. शिरमी काष्ठागार में 16 हे.आर सेअधिक जगह पर सागौन तथा अन्य सही प्रकार के लकडा यहां रखा जाता है. करडो की वनसंपत्ती के यह राज मार्ग पर बीना बाड़ (कंपौड़) अथवा बीना सुरक्षा दिवार के ही रखी जाती है। वन विभाग द्वारा यहा वन रक्षक तथा वन मजदूरों के माध्यम से 24×7×365 नियमित सुरक्षा रखवाली की जाती है। पर सुरक्षा के गस्ती के समय सुरक्षक को निवास तथा पहरे के लिये काष्ठागार के सुरक्षा नियमों के नियमांनुसार चारो ओर सुरक्षा टावर तथा सुरक्षा पोस्ट तथा सुरक्षा कंपौड तिन लेअर तार अथवा पक्की दिवार के माध्यम से कंपौड, पेयजल तथा काष्ठागार को सुरक्षा हेतु बोअर वेल तथा अग्नि शमन के लिये य16हे आर में फायर सुरक्षा के पाईप लाईन, सर्व सुविधाओं से लैस निलामी हाॅल, कर्मचारियों के लिये निवास, आदि आवश्यक मुलभूत तथा पायाभूत सुविधाओं के आपूर्ति करने की मांग यहा के सरपंच केशवराव धुर्वे द्वारा की गयी है.

राज्य प्रशासन के वरिष्ठतम अधिकारी तथा वन मंत्री नामदार सुधीरभाऊ मुनगटीवार द्वारा कोंढाली के शिरमी काष्ठागार को भेंट देकर खुद निरिक्षण कर यहाँ के काष्ठागार के आवश्यक सुरक्षा तथा मुलभूत समस्याओं के निर्माण कार्य के लिये उचित शासन आदेश देने कि मांग कि गयी हैं ।


*वन परिक्षेत्र कार्यालय भी समस्या ग्रस्त*
नागपुर जिले के वन विभाग में कोंढाली वन परिक्षेत्र सबसे पुराना वन परिक्षेत्र कार्यालय है। वर्ष 1914 में यहाँ के वन परिक्षेत्र कार्यालय तथा वन परिक्षेत्र अधिकार के कार्यालय का निर्माण कार्य किया गया था। अब!108वर्ष पुराने वन परिक्षेत्र की प्रशायकिय तथा वन परिक्षेत्र अधिकारी का कार्यालय जिर्ण हो गया है। यहाँ के वन परिक्षेत्र कार्यालय के पेयजल व्यवस्थाअभी भी नाही बन पायी है ।

कोंढाली वन परिक्षेत्र कार्यालय, शिरमी-कोंढाली लकडा डेपो के मुलभुत समस्या ओं को हल करने के लिए एक बार वन मंत्री सुधार भाऊ मुनगंटीवार द्वारा निरिक्षण की मांग स्थानिक स्वराज संस्था के सरपंच केशवराव धुर्वे, उप सरपंच स्वप्ननील व्यास,रामदास मरकाम, योगेश चाफले, संजय राऊत, कमलेश गुप्ता,आकाश गजबे, नितिन ठवले, प्रशांत खंते, बबलू बिसेन, प्रमोद वा चाफले, आशुतोष माकोडे,अशपाक काजी,सदाप पठाण,गैरव ठवळे,रोहित गोलाईत,आदी जन प्रतिनिधीयों द्वारा मांग की गयी है। इसी प्रकार चमेली वन विश्राम भवन तथा रोप वाटीका के साथ साथ यहां के अधिकारी तथा कर्मचारीयों के निवास के लिये जि प सदस्य सालील देशमुख के प्रयासों से इस क्षेत्र के विधायक तथा पुर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा विविध विकास कार्यों को प्रस्तावित किया गया था.इन सभी कार्यों को वन मंत्री सुधीरभाऊ मुनगंटीवार द्वारा अपुर्ण कार्यों पुर्ण कराने की मांग सतीश पाटील चव्हाण, योगेश चाफले,अरूण उईके संजय डांगोरे,यादवराव बागडते,पदम डेहणकर, किशोर रेवतकर, प्रमोद धारपुरे,नरेश राऊत, नरेश शेंगर,दुर्गा प्रसाद पांडे,ब्रजेश तिवारी,राजेंद्र खामकर,बाबा शेख, दुर्ग़ेश भिसे,द्वारा मांग की गयी है ।

इस विषय पर वन विभाग के वन परिक्षेत्र अधिकारीनिशिकांत कापगते तथा ए सी एफ प्रज्योत पालवे से पुंछने पर बताया की यहां के शिरमी काष्ठागार के सुरक्षा कंपौड के बारे में प्रस्ताव भेजा गया है ।
बताया जाता है की यहां के सुरक्षा कंपौड की मांग बहूत पुरानी है पर अब तक यहां के कंपौड के लिये भेजा गया प्रस्ताव को मंजूरी नही मिली है. काष्ठागार के नियमावली नुसार यहां की आवश्यक सुरक्षा तथा मुलभूत समस्याओं को हल करने के लिये की मांग दोहराई है।

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