*संपत्ती कर का पुर्णमुल्यांकनसे टँक्स बढने के आसार*
*पुर्णमुल्यांकन निजी कंपनी को देनेसे नगरवासीयो तथा जनप्रतिनीधीयो मे रोष*
मुख्य संपादक – किशोर ढूँढेले
सावनेरः नगर पालीका का संपत्ती पुर्णमुल्यांकन हर चार वर्षमे होना तय है.तथा नगर प्रशासन,सत्ताधारी,विपक्ष एंव नगरके जनप्रतिनीधीयोसे चर्चा कर इसका हल निकाला जाता है.जहा पुराने मकान,प्लाट,भुखंड आदी अचल संपत्ती पर 10-15 प्रतीशत की टँक्स वु्ध्दी तथा नये निर्माणोपर नगर रचनाके तय मानको के मुताबीक टँक्स निर्धीरीत कीया जाता रहा है.लेकीन इस वर्ष होनेवाले संपत्ती के पुर्णमुल्यांकनमे नये पुराने सभीका एकसाथ नये नियम कायदोसे पुर्ण मुल्यांकन होनेसे संपत्तीधारकोको टँक्स बढनेकी चिंता सताने लगी है.पीछले को वर्ष कोरोना का दंश झेलकर जैसेतैसे कुछ आर्थिक हालात सुधरने की आस बनी नही की भारी बारीशके चलते फीर स्थीती जैसे थे की बन आई और आर्थिक संकटसे जुझ रहे नगरवासीयोके हालात अब “दुबले पर दो दो आषाढ” वाले चरितार्थ होनोको है*
*प्रशासक राज मे जनता अपना दुखःडा सुनाये कहा*
*फरवरी 2022 से नगराध्यक्ष सहीत सभी नगरसेवकोका कार्यकाल समाप्त हो गया है और तबसे नगर पालीका सावनेरमे प्रशासकीय राज जारी है.ऐसेमे नगरवासी अपना दुखडा़ और दर्द कीसे सुनाये. नगराध्यक्ष, उपाध्यक्ष,नगरसेवकोके अधीन अब कुछ नही ऐसेमे जनप्रतिनीधी योके साथ साथ समाजसेवी भी खुदको असहाय महसुस कर रहे है*
*अगले चार वर्ष हेतू पुर्णमुल्यांकन*
*2023-24 से 2026-27 वर्षके लीये शहरकी सभी संपत्तीयो का पुर्णमुल्यांकन निजी कंपनी के हाथो करवाये जाने हेतू दि.5 जुलई 2022 की सभा मे मंजुर करा कर इसे तत्काल प्रभावसे लागू करणे हेतू निवीदा प्रक्रीया दि.17 अक्टुबर 2022 की सभामे आर.एस.कंन्सट्रक्शन कंपनी नागपुर को इसका ठेका करिब 6 सौ रुपये प्रती संपत्ती दीये जानेकी जानकारी है*
*ठेका प्राप्त होते ही कंपनीके कर्मचारी अपने कार्यमे जुट गये तथा घरोको चिन्हांकित तथा नंबरींग का कार्य शुरु हो गया है.साथ ही नगर प्रशासनने शहरवासीयोको इस कार्यमे ठेकेदारोके कर्मीयोको सहयोग की अपील की जारही है.*
*इससे पुर्वमे पुर्णमुल्यांकनमे पुराने घरोपर टँक्स बढोतरी के नामपर दास पंधरा प्रतीशत तथा नये मकानोपर नियमानुसार टँक्स लगाया जाता या कींतु इसबार नये पुराने घरोका एकसाथ मुल्यांकन तथा टँक्सेशन होनेसे मालमत्ता कर बढनेकी चींता अब नगरवासीयोको सताने लगी है.और ऐसे संकटके समयमे उनके साथ कोईभी जनप्रतिनीधी उपस्थित नही होनेसे उनकी चिंताओमे और इजाफा हो रहा है*