*राष्ट्र समर्पण पार्टीने किया धरना आंदोलन*

*राष्ट्र समर्पण पार्टीने किया धरना आंदोलन*

सावनेरः श्री संत आसाराम बापु पिछले 14 वर्षोसे सलाखोके पीछे जेलमे बंद है.जीन्हे जमानत मीले तथा उनकी रिहाई हो इसके लीये राष्ट्र समर्पण पार्टी की ओरसे एक दिवसीय सांकेतिक धरना आंदोलन की शुरुवात सावनेर तहसील कार्यालयके बाहार एक दिवसीय धरना देकर की*
*तथा संत आसाराम बापुके रिहायी हेतछ समुचे देशमे आंदोलन चलाये जानेकी जानकारी राष्ट्र समर्पण पार्टीके राष्ट्रीय अध्यक्ष शशिकांतसींग ठाकूरने इस अवसर पर कही*

*इस अवसरपर बोलते हुँये शशिकांतसींग ठाकूर ने कहा की आतंकवादी, बलात्कारी,भ्रष्टाचारीयोको पैरोल तथा जमानत मील रही है.लेकीन हिंदू धर्मके प्रचार प्रसारमे अपना जीवन तथा सर्वस्व अर्पण करणेवाले संत आसाराम बापु को जबरन जेलमे कैद करके रखा गया है.उनके परिजनो के अंतीम संस्कार जैसे महत्वपुर्ण समयपर भी उन्हे पैरोल नही मीलता ईससे सह जरूर साबीत होता है की देश संविधान तथा देश की न्याय पालीका से नही कीसी दबाव तंत्र मे कार्य कर रही है.तभी तो संत आसाराम व्दारा जारी हिंदू धर्मको जागु्त करणा,धर्मांतरन का विरोध करना आदी कारनोसे संत आसाराम बापु को विदेशी ताकते तथा मिशनरीयोके दबावमे झुठे प्रकरण, झुठी गवाहोका षडयंत्र बनाकर 85 वर्षीय संत को पीछले 14 सालोसे जेलमे जबरन बंद करके रखा गया है.जीसका राष्ट्र समर्पण पार्टी पुरजोर विरोध दर्ज करते हुये संत आसाराम बापु की तत्काल रिहाई हेतू समुचे देशभरमे अन्याय,अत्याचार के खीलाफ तथा देशका संविधान बचाने हेतू संघर्ष का आगज राष्ट्र समर्पण पार्टी सावनेर के इस धरना आंदोलनसे कर रही है*


*आसाराम बापूके रिहाई हेतू आंदोलन की शुरुवात राष्ट्र समर्पण पार्टीके राष्ट्रीय अध्यक्ष शशीकांतसींग ठाकूर के मार्गदर्शनमे जीलाध्यक्ष सोनू बरैया के नेतृत्वमे दी.12 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजेसे सावनेर तहसील कार्यालय के सामने एक दिवसीय सांकेतिक आंदोलन कर सेकडो धर्म प्रेमी तथा संत आसाराम बापु के अनुयायीयोकी उपस्थिती मा.उपविभागीय अधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री तथा गु्हमंत्री महाराष्ट्र शासन,केन्द्रीय गु्हमंत्री आदीको ज्ञापन सोपकर संत आसाराम बापुकी शिध्र रिहाई करणे की मांग की*


*इस अवसरपर राष्ट्र समर्पण पार्टीके नागपुर जील्हाध्याक्ष सोनू बरैया,संदीप पवार, महेंद्र जनबंधु, विजय हिवाले, विक्की कामले, सुनील वानखेडे, मयूर तिरपुड़े, राहुल अरे, साहब पंजवाणी, गंगाधर कामडी, नारायण वानखेडे लीलाधर बन आदी सहीत असंख्य धर्मप्रेमी महिलाये प्रमुखतासे उपस्थित थे*

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