*खतरे की घंटी*
*तुम डाल डाल तो हम पात पात…*
*कोरोना पाँझेटिव्ह मरीजो व्दारा गलत पते और झुठे मोबाईल नंबर देने से ट्रेसींग और माँनेटरींग मे दिक्कते*
मुख्य संपादक – किशोर ढूंढेले
सावनेरः अकसर देखा जखता है की सरकारे कोई भी कानून कायदा बनाले उसे तोडने या उससे बचनेके लीये लोग नयी नयी जुगद लगाने लग जाते है.और ऐसाही जुगद का इजाद कोवीड़ 19 की अँन्टिजन और आरटीपीसीर टेस्टींग करवानेवालोने भी की है जीसके कारण सेकडो कोवीड़ पाँझेटिव्ह मरीज अभीतक ट्रेस नही हो पारहे है.ऐसी जानकारी निकलकर आरही है*
*अब तो और सतर्क रहनेकी आवश्यकता*
*सावनेर तालुका के सभी कोवीड़ 19 टेस्टींग सेंटरोपर अँन्टिजन व आरटीपीसीर जाँच करणे पहुच रहे असंख्य लोग अपणे नाम,पता और मोबाईल नंबर के एक दो आकडे आगे पीछे कर हल्कीसी गलत जानकारी देकर अपनी जाँच करवा रहे है. और इन्ही मे से जो पाँझेटिव्ह निकलते है उनकी जानकारी उनके मुख्यालय याने प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र,ब्लाँक, ग्राम तथा नगर निगम को दी जाती है ताकी उन मरीजोकी उचित देखरेख “माँनेटरींग” तथा उनके संपर्क मे आये लोगोकी शिनाख्त हो सके ताकी सही समयपर उनकी जाँच कर बढते कोरोनापर अंकुश लगाया जाय.*
*कोवीड़ टेस्टींग सेंटर से प्राप्त उक्त जानकारी के उनुरूप जब जाँच अधिकारी,कर्मचारी, स्वास्थ अधिकारी,आशा वर्कर उक्त पते फर पहुचते है तो उस नाम का व्यक्ती वहा नही मीलता,उसके व्दारा दिया गये मोबाईल नंबर पर भी संपर्क नही हो पाता जिससे इन जाँच अधिकारी कर्मचारीयो के पसीने छुट रहे है.तो वही पाँझेटिव्ह कोरोना मरीज अपनी पहचान छुपाकर अपनु और औरो की जानसे बेखौफ खेल रहे है.शहरके कोरोना पाँझेटिव्ह मरिजोके देखरेख मे लगे अनेक कर्मचारीयो ने अपना नाम आगे ना आनेकी शर्तो पर यह खौफनाक दास्तान हमारे साथ साझा करते हुये बताया की हमे रोजाना जो लिस्ट दी जाती है उसमेसे अनेक तो हमे मीलते तक नही उनके मोबाईल पर संपर्क करे तो लगते नही,आस पडोस मे पुछे तो वे कहते है की ईस नामसे यहा कोई नही रहता अब आप ही बताओ हम काम कैसे करे*
*शायद शहरमे बढते कोरोना मरिजोकी संख्या का यह भी एक कारण हो सकता है.*
*कोवीड़ जाँच हेतु आधारकार्ड और राशनकार्ड अनिवार्य हो*
*कोवीड़ 19 की अँन्टिजन और आरटीपीसीर टेस्टींग मे अपनी पहचान छुपाये जाने की जानकारी निकलकर आरही है इसपर कोई भी अधिकारी कर्मचारी खूलकर बोलने को तयार नही अगर इस जानलेवा खेलसे निजात पाना है तो प्रशासन को कोवीड़ 19 की जाँच करवानेवाले से उनके सही पता और जानकारी पाने हेतू आधारकार्ड, राशनकार्ड,पँनकार्ड,वोटर आयडी ,घर टँक्स रसीद अथवा बिजली बील आदी मेसे कीसीभी एक प्रमाण के बगैर टेस्टींग ना कराने से जिन्हे टेस्टींग करानी है वे अपने साथ अपनी पहचान व सही पता दर्शानेवाले पहचान पत्र साथ लाये अन्यथा टेस्टींग ना की जाय ऐसा करणेसे जो मरीज पाँझेटिव्ह निकलता है उसकी माँनेटरींग तथा उसपर नजर रखने मे आसीनी जायेगी वर्ना ये अपणी पहचान छिपाकर जींदा कोरोना बम बनकर अनेकोके जीवन से खेलते रहेंगे और शहरोमे मरीजोकी संख्या यु ही बढती रहेगी…*