*कोरोना काल में कानून हाथमें लेने वाले मेयर अली के खिलाफ मनसे कोर्ट में*
वरोरा :विशेष प्रतिनिधि
वरोराःजहां प्रशासन कमजोर हुआ, वहीं मनसे तालुका अध्यक्ष वैभव डहाणे अपने वकील की ओर से मेयर के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी होने जी विश्वसनीय जानकारी निकलकर आरही हैं.
*कोरोना काल में एक ओर जहां आम जनता को कोरोना के कड़े नियमों का पालन करना पड़ा, अनेकोको जुर्मानाभी भरना पड़ा, वहीं गांधी चौक की कुछ दुकानों पर नगर परिषद व तहसील प्रशासन की टीम द्वारा कुछ दुकानों पर कार्रवाई की जारही थी और इसी वजह से नगराध्यक्ष एहतेशाम अली ने अपने २० से २५ समर्थक को के जाकर अपने पद का रौब झाडते हुये पालिका कर्मचारियों पर अपनी भडास नीकलकर दुकानोपय लगाए सिल तोड़ने लगाए,इतना ही नहीं तो नगराध्यक्ष खुद मुंहको मास्क लगा कर नहीं थे और घटना का वीडियो हर जगह वायरल हो गया, इसलिए संबंधित नगर परिषद और तहसील प्रशासन को नगराध्यक्ष अहेतेशाम अली और उनके समर्थकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज करना पड़ा.*
*लॉकडाउन में जब कुछ देर के लिए दुकानें खुलीं तो प्रशासन ने कुछ समय के लिए सील और जुर्माना लगाकर उनकी दुकानें बंद कर दीं. मास्क न लगाने पर कई दुपहिया वाहनों पर जुर्माना लगाया गया. अगर उन्होंने वर्तमान नगरपालिका कर्मचारियों के साथ मारपीट की तो कोई मामला क्यों नहीं बनता.इसी विषयपर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने प्रशासन से शिकायत की और जवाब मांगा, लेकिन निगम प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया और नगराध्यक्ष अहेतेशाम अली के खिलाफ कोई कार्रवाई करणे की हिम्मत नही जुटाई*
*लोकतंत्र में जन प्रतिनिधियों और बड़े राजनेताओं के लिए क्या अलग कानून है या आम लोगों के लिए ही कानून है. क्या जनप्रतिनीधीयोको कानून का खुलेआम उलंघन करणे की छुट है क्या ऐसे सवाल उठना लाजमी है.*
*इस विषय को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के तालुका अध्यक्ष वैभव डाहने व्दारा अहेतेशम अली के खिलाफ वरोरा में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज करानेकी तयारी कर आम जनता को न्याय दिलाने का बीडा़ उठाया है. समुचे महाराष्ट्र में संभवत: यह पहला मामला है जहां नगराध्यक्ष, जिन्हें शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की नैतिक जिम्मेदारी निभानी थी, कानून को अपने हाथ में लिया और बोलने वालों पर दबाव बनाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। इसके खिलाफ अधिकारियों को बयान दर्ज कराने की जानकारी है. दरअसल, यह अफवाह है कि नगराध्यक्ष अहेतेशाम अली ने नगराध्यक्ष के पद की गरीमा को ठेस पहुचकर लोगों की नजरों में अपनी छवि खराब की है. ऐसाभी जानकारो का मानना है*
*महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) इस संबंध में सविनय अवज्ञा आंदोलन करने तयारी भी करली थी लेकिन मनसे के लिए कोविड के नियमों का पालन करते हुए आंदोलन करना संभव नहीं है और आंदोलन के दौरान किसी तरह की अनौचित्य की संभावना है, अब मनसे पदाधिकारी न्यायालय से न्यायकी गुहार लगायेंगे. इसमें नगराध्यक्ष अहेतेशाम अली को आरोपीत किया जाएगा या नही,अगर दोषारोप सिध्द हुये तो वरोरा शहर की राजनीतीमे बवंडर उठता है या तारीख पर तारीख मे मामले को ढीला कीया जाता है यह आने वाले समय ही बतायेगा*