*आॅनलाइन विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया*
मुख्य संपादक – किशोर ढूँढेले
सावनेर – स्थानीय अरविन्द इंडो पब्लिक स्कूल में आॅनलाइन विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया। कक्षा आठवीं से दसवीं तक के लगभग सभी विद्यार्थियों ने पूरी गंभीरता से भागीदारी की। कुछ विद्यार्थियों ने पोस्टर बनाए, तो कुछ ने स्लोगन द्वारा परिवार नियोजन का फायदा समझाया। जनसंचेतना जगाने हेतु कुछ विद्यार्थियों ने ड्राइंग्स एवं पेंटिंग्स के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि से निर्मित दुष्परिणामों की ओर सभी का ध्यानाकर्षण किया। 20 विद्यार्थियों ने ज्ञानवर्धक जानकारियों के साथ लेख लिखे और पीपीटी द्वारा अपनी बात समझाने का प्रयास किया।
जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न गरीबी, दरिद्रता एवं बेरोजगारी जैसी विकट समस्याओं से कैसे निपटा जा सकता है यह भी समझाने का विद्यार्थियों ने एक सार्थक प्रयास किया। देवम बुरहान, वैष्णवी मेंघर, उज्जवल बारापात्रे, कृतिका गुरातकर, पैजान राजुरकर, हिमांशी बनखेडे़, श्रेया पांचपुते, आस्था देशमुख, श्रेया बाबड़े, श्रेया वालके, उदय गिरी, वेदांती कोंगरे,ओम कलंबे, अभिषेक राऊत, जनक वैद्य एवं कनक राडके के लेख सराहनीय रहे। उन्हें शीघ्र ही प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। स्कूल की कार्यकारी प्राचार्य वन्दना यादव एवं गणित विभागाध्यक्ष वन्दना बारापात्रे ने आॅनलाइन विश्व जनसंख्या दिवस को सफलतापूर्वक आयोजित करने में विशेष योगदान दिया। स्कूल के प्राचार्य राजेंद्र मिश्र ने सभी विद्यार्थियों एवं पालकों का विशेष रूप से अभिनंदन करते हुए कहा कि भारत चीन के बाद सबसे बड़ी आबादी वाला दुनिया का दूसरा राष्ट्र है। जनसंख्या वृद्धि की तेज रफ्तार के आगे हमारी लगभग सभी उपलब्धियां बौनी साबित हो गई। जनसंख्या नियंत्रण करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। गुणवत्ता की कसौटी पर हमारी आबादी खरी साबित हो सकती थी यदि शिक्षा प्रणाली में सुधार किया गया होता।मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी कोई खास सफलता नहीं मिली। अनपढ़ लोगों की तरह पढ़े लिखे लोगों को भी रोजगार प्राप्त नहीं हो रहा है।स्कील डेव्हलपमेंट एक विकल्प है किन्तु इसकी अवहेलना हुई। गांवों के विकास को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। तकनीकी शिक्षा को महत्व प्रदान करनी चाहिए। दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी भारत की है। युवा वर्ग को रोजगार प्रदान किया गया होता तो चित्र कुछ और ही होता।