*रस्सा-कशी खेल का शालेय स्पर्धा मे समावेश करने और पहिले समान 5% खिलाडी आरक्षण मिलने के लिए माननीय क्रीडा मंत्री, महाराष्ट्र राज्य को निवेदन*

*रस्सा-कशी खेल का शालेय स्पर्धा मे समावेश करने और पहिले समान 5% खिलाडी आरक्षण मिलने के लिए माननीय क्रीडा मंत्री, महाराष्ट्र राज्य को निवेदन*

मुख्य संपादक – किशोर ढूंढेले

सावनेर – रस्सा-कशी यह खेल प्राचीन भारतीय खेल है. 2008 तक शालेय ग्रामीण स्पर्धोओं मे ये खेल का समावेश था. ऑलम्पिक मे ये खेल पहिले था, कई पाच्श्छिमात्य खेलो के कारण ऑलम्पिक मे से इस खेल को निकाला गया.परंतु महाराष्ट्र मे 2000 तक ग्रामीण स्पर्धाओ मे ये खेल का समावेश था.इस खेल को महाराष्ट्र मे अच्छा प्रतिसाद है सर्वसामान्य विद्यार्थो के लिए सस्ता खेल है.कम से कम समय मे और,कम से कम जगह मे यह खेल खेला जाता है. ‘शक्ती से युक्ती बडी’ ऐसा यह खेल है. रस्साकशी इस खेलका नागपूर जिल्हे मे प्रसार एवं प्रचार होने हेतू और युवको मे यह खेल की रूचि बढे यह नजर मे रखके 16 ऑक्टोबर 2014 को दि टग आॅफ वाॅर असोसिएशन नागपूर, जिल्हा नागपूर यह नाम से संस्था स्थापन की गयी.

2014 को इस संस्था को महाराष्ट्र टग आॅफ वाॅर असोसिएशन संलग्नता प्राप्त हुई.तभी से नागपूर जिल्हे मे से खिलाडी लड़के और लड़किया सबज्युनियर ,ज्युनियर व सीनियर ऐसे विविध राज्यस्तरीय व राष्ट्रीय स्पर्धा मे सहभागी होते है.और सफलता भी हासील करते है.अब तक नागपूर जिल्हे के 27 टीम ने राज्यस्तरीय स्पर्धाओं मे हिस्सा लेकर 16 सुवर्ण , 6 रौप्य व 5 कास्य पदक प्राप्त किये है .

महाराष्ट्र मे महाराष्ट्र टग आॅफ वाॅर असोसिएशन के माध्यम से 1999 से इस खेल का प्रसार एवं प्रचार करने का प्रयास शुरू है .
महाराष्ट्र टग आॅफ वाॅर असोसिएशन को टग आॅफ वाॅर फेडरेशन ऑफ इंडियाची संलग्नता है .
टग आॅफ वाॅर फेडरेशन ऑफ इंडिया को राष्ट्रीय मान्यता है.और राष्ट्रीय फेडरेशन को भारत सरकार एवं खेळ मंत्रालय द्वारा 26 जून 1999 से नॅशनल फेडरेशन मे मान्यता है.
टग आॅफ वाॅर फेडरेशन आॅफ इंडिया को आंतरराष्ट्रीय टग आॅफ वाॅर फेडरेशन को U.S.A. ने 2007 मे पूर्ण सदस्यता प्रदान की गयी है.
टग आॅफ वाॅर फेडरेशन ऑफ इंडिया को एशियन टग आॅफ वाॅर फेडरेशन ने 2008 मे मान्यता दिई है.
I.O.C. आंतरराष्ट्रीय ऑलिम्पिक संघ वर्ष 2000 मे आंतरराष्ट्रीय टग फार फेडरेशन को मान्यता दि गयी है.
इस खेल का I.O.C.की मान्यताप्राप्त सूची मे समावेश है. (W.W.W. OLYMPIC) I.O.A.के मान्यता के संदर्भ मे टग आॅफ वाॅर फेडरेशन ऑफ इंडिया 2007 मे आंतरराष्ट्रीय टग आॅफ वाॅर फेडरेशन द्वारा मान्यता प्रदान करने के बाद भारत मे मान्यताप्राप्त आंतरराष्ट्रीय टग आॅफ वाॅर फेडरेशन के रूप मे टग
आॅफ वाॅर फेडरेशन ऑफ इंडिया को आंतरराष्ट्रीय ऑलिम्पिक संघटना की मान्यता है.

यह खेलको महाराष्ट्र मे उपेक्षा हो रही है.2008 से यह खेल को महाराष्ट्र ऑलिम्पिक असोसिएशन की मान्यता है,इसके अलावा क्रीडा परिषद की मान्यता है.यह खेल को 5% खिलाडी आरक्षण की छूट थी.यह खेल शालेय स्पर्धोओं भी शामिल था. दसवी-बारावी के खिलाडी को 25 ग्रेस मार्क्स की छूट थी.परंतु जून 2016 से महाराष्ट्र शासन ने एक परिपत्रक निकाल के इस खेल को शालेय स्पर्धा से बाहर किया गया. इस वज़ह से दसवी-बारावी के खिलाड़ियों को मिलने वाले 25 ग्रेस मार्क्स की छूट रद्द की.इस वजह से खिलाड़ियों का बड़े मात्रा मे नुकसान हुआ है.यह खेल को फिरसे 5% आरक्षण मे और 25 ग्रेस मे लाया जाये.

यह भावना के तरह माननीय सुनिलबाबू केदार साहब, क्रीडा मंत्री, महाराष्ट्र राज्य इनको दि टग आॅफ वाॅर असोसिएशन नागपूर, जिल्हा नागपूर के सचिव धैर्यशील सुटे , सावनेर पंचायत समिती सदस्य राहूल तिवारी.प्रकाश खापरे, राष्ट्रीय रस्सीखेच खेलाडी अमित ठाकुर , शुभम भोकरे ,प्रगती चवरे ,तनु रंगारी ,पियुष भोकरे,प्रज्वल सिदूरकर, क्षितिज सिरीया, चिन्मय भगत, हर्षल बढेल, शुभम पिपरोडे, ईशांक तेलंग, साक्षी चव्हाण, खुशी बागडे, पलक माहुरे, उन्नती पाटील ,अनुष्का भिमगडे, सेजल कुहिटे रस्साकशी खिलाड़ियों के तरफ से निवेदन दिया गया.

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