*कोंढाली वनपरिक्षेत्र में दो नील गाय को कुऐं से सुरक्षित निकाला* *बोपापुर तथा खैरी गांव की दो अलग अलग घटना* *दोनों नील गायों को वन विभाग ने सुरक्षा निकाला*

*कोंढाली वनपरिक्षेत्र में दो नील गाय को कुऐं से सुरक्षित निकाला*

*बोपापुर तथा खैरी गांव की दो अलग अलग घटना*

*दोनों नील गायों को वन विभाग ने सुरक्षा निकाला*

कोंढाली संवाददाता-
कोंढाली –वन परिक्षेत्र में नील के बढ़ते झूंड के चलते किसानों बहुतही परेशान है ।कोंढाली वनपरिक्षेत्र के तहत सभी उपवनों में नीलगाय के झूंड के झूंड एक साथ चलते है, और किसानों की खडी फसलों कों अत्याल्प समय में चट कर भाग खडे होते है।भागते समय कभी कभी किसानों के खेतों में बनें कुओं में गिरने की घटनाऐं बढ़ रही है ।


08 जनवरी को दोपहर तिन बजे के दरमियान कामठी मासोद गांव के समिपस्थ बोपापुर वन कक्ष में यहां के किसान निखील विश्वनाथ धारपुरे के खेत के गहरे कुऐं मे तिन चार वर्षीय नील गाय गीरने की जानकारी किसान राजू धारपुरे ने कोंढाली वनपरिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते को दी। इसी बीच कोंढाली वनपरिक्षेत्र के ही खैरी- तरोडा गांव के समिपस्थ किसान पराडकर के खेत के गहरे कुऐं में भी दोपहर साढे तिन बजे के दरमियान नील गीरने की जानकारी स्थानिय किसान द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते को दी गयी। घटना की जानकारी मिलते ही कोंढाली के वनपरिक्षेत्र अधिकारी ने ऑन डिवटी स्टाफ को दो दलों में खैरी तथा बोपापुर रवाना किया,जहा वनपरिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते मे मार्गदर्शन में उपवन परिक्षेत्र अधिकारी एस आर सोनवाने, वनरक्षक एस आर लाखोडे, एस जी शिंदे, वाय टी नपते, नंदकिशोर धोटे, वन कामगार किशोर कुसलकर तथा पुंडलिक सरोदे द्वारा गांव वालों की मदत से बोपापुर तथा खैरी गांव के किसानों के खेतों के कुऐं में गिरे दोनों नील गाय को सही सलामत अवस्था में कुऐं के बाहर निकालकर दोनों नील गाय को नैसर्गिक अधीवास में (समिपस्थ जंगल में)छोड दिया गया है. यह जानकारी स्थानिय किसानों तथा वनपरिक्षेत्र अधिकारी द्वारा दी गयी है ।


इस वनपरिक्षेत्र के जंगली वन्य प्राणीयों द्वारा किसानों की फसलों के नुकसान का मुआवजा दिये जाने की मांग स्थानिय किसानों द्वारा की गयी है ।

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