*हितज्योती फाउंडेशन के प्रयास रंग लाये*
मुख्य संपादक – किशोर ढूंढेले
सावनेरः क्षेत्रकी सामाजिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष तथा उनकी संपूर्ण टीम अपने सेवाभावी कार्योके लीये परिचित है.फीर चाहे सडक हादसे,आकस्मिक घटनाये हो या रास्तोपर भटकते मनोरुग्णोको सहारा देना हो वहा ईनकी उपस्थिती ही नही संपूर्ण समर्पण भावसे अपने सेवाकार्योमे तत्पर रहते है.*
*ऐसाही एक मामलेमे एक बेसहारा गरिब वु्ध्दका हात कलाईयोके उपरसे पुरी तरहसे टुट जानेसे उन्हे असहनीय दर्दमे तडपता देख युवक अभिषेकने हितज्योती फाउंडेशन के संस्थापक हितेश बंन्सोड से संपर्क कर मदत की गुहार करणेपर स्वतः वुध्दाके पास पहुचकर स्थितीका जायजा लीया.पहले तो पीडित वुद्ध ईलाज कराणेमे आनाकानी करणे लगे.काफी समझाकर उन्हे ईलाज हेतू तयार कीया गया.तथा अपनी एँम्बुलेंस से मेडीकल नागपुर उपचार हेतू ले गये*
*पीडित वु्ध्दके पास कोई कागजात न होनेसे बात फीर बीगड़ गयी.चिकित्सकोके कहनेनुसार कागजपत्र तयार करने सावनेर वापस आकर सावनेर के तहसीलदार प्रताप वाघमारे ने अधिकारी भी आखीर इंन्सान होता है का परिचय देते हुँये मेडिकल हाँस्पीटलमे वु्द्धके आँपरेशन हेतू लगनेवाले सारे कागजात समयपर तयार कर देकर अपने कर्तव्यदक्षता का परीचय दीया.ईससे पहले भी दो बेसहारा महिलाओके प्रसुतीप्रसंगमे तहसीलदार वाघमारे ऐसी मदत कर मानवताका परिचय दे चुके है.*
*खैर अभिषेक भगत के प्रयत्नोसे प्राप्त हितज्योती फाउंडेशन की मदतसे आखीरकार 60 वर्षीय बेसहारा वुध्द श्रावण गुलाब काळे के टुटे हाथका मेडिकल हाँस्पीटलमे सफल आँपरेशन संपन्न होकर आगामी कुछही दीनोमे वे अपने हाथोसे कार्य करणेमे सक्षम हो जायेंगे.खुदको बेसहारा समझकर मुझे कौण मदत करेगा की सोच रखनेवाले श्रावण की आखे तब भर आई जब ईलाज हेतू उन्हे दो तीन बार हितज्योती फाउंडेशन के हितेश बंन्सोड अपने वाहनोसे उन्हे उनके घरसे नागपुर मेडिकल ले गये,उनके कागजात बनाने हेतू आगे आये.ईतनाही नही तो आँपरेशन के वक्त अपने पुरे सहयोगीयोके साथ उपस्थित रहकर उनका हौसला बढायाँ.सफल आँपरेशनके बाद वु्ध्द श्रावण की पथराई आखे मानो कह रही हो “इंन्सानीयत अभी भी जींदा है”*
*बेसहारा वुध्दको ईस कठीण समय मे हितज्योती फाउंडेशन के हितेश बंन्सोड,तथा सहयोगीयोके साथ ही अभिषेक भगत,राजेश वाघमारे,योगेश नासरे,पंकज वसुले आदीने परिश्रम लेकर मानवता तथा सच्चे समाजसेवी होणेका परीचय दीया*