*वन विभाग द्वारा कैंसर रोग पर कार्यशाला का आयोजन* *छात्र, अभिभावक,शिक्षक, वन कर्मी तथा नागरिकों ने कार्यशाला में लिया सहभाग*

*वन विभाग द्वारा कैंसर रोग पर कार्यशाला का आयोजन*

*छात्र, अभिभावक,शिक्षक, वन कर्मी तथा नागरिकों ने कार्यशाला में लिया सहभाग*

 

विशेष संवादाता –

कोंढाली – मानवीय जीवन शैली और बदलते आहार के वजह से, दैनंदिन के जीवन में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से जुझना पडता है। अब तो कम आयु वाले बच्चों को भी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का असर पड रहा है। अतः अब इसके बारे में सभी में जन जागरूकता पैदा करना बहुत जरूरी है। इस उद्देश्य के लिए डॉ. गौतम गजभिये द्वारा कैंसर के शुरूआती लक्षणों और उस पर इलाज के लिये आवश्यक उपाय के लिये वनपरिक्षेत्र कोंढाली एंव अर्थशिल हेल्थसेंटर नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में यहां के लाखोटिया भुतडा जूनियर कॉलेज तथा सी बी एस ई हायस्कूल के ई लर्निंग हाॅल में कैंसर रोग के जानकारी तथा बचाव के लिये 23जुन को सुबह 11-00बजे एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।


कार्यशाला की शुरूवात करते हुये,प्राचार्य गणेशराव सेम्बेकर ने कहा की कैंसर के बिमारी के पुर्ण जानकारी के आभाव के चलते पूरी दुनिया में लोग डरे हुए हैं और उनके पास कैंसर के बारे में जानकारी का अभाव है। इलाज में देरी के कारण कई लोग कैंसर से मृत्यु का प्रमाण बढ रहा है। कैंसर होने पर इसे कुछ हद तक नियंत्रण रखने सके लिये ज्ञान और उपचार के विकल्पों को लेकर भ्रमित रहते हैं। हालांकि कैंसर भयावह है, यह लाइलाज नहीं है। चिकित्सा उपचार के साथ-साथ कैंसर के प्रति जागरुकता, मरीजों का स्नेह से व्यवहार करना, उनमें आत्मविश्वास जगाना आदि। चीजों की जरूरत है यह जानकारी दी।
इसी प्रकार कोंढाली वन परिक्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते ने कहा कि
यदि कैंसर, या जीवन में अचानक आने वाली अन्य बीमारियों के साथ, आपको उन बिमारियों से बचने के उपाय , उपचार की सहायता आदी की सही जानकारी सही समय मिल जाय तो वह बुतही अच्छी बात है, इसी लिये कैंसर की बिमारी से बचने सकें लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि रोग, कैंसर जैसे बिमारी के प्राथमिक लक्षण, उपचार के लिये किये जानावाले उपायों की थोड़ी जानकारी इस कार्यशाला के माध्यम से मिल सकती है।
कार्यशाला में डाॅ गौतम गजभिये द्वारा कैंसर के प्रकार, इसके लक्षण और इसके इलाज के बारे में भी जानकारी दी गई ।कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों द्वारा उपस्थित किये गये सवालों के समाधानकारक जबाब कार्यशाला प्रशिक्षक द्वारा दिया गया ।
इस कार्यशाला में छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों के साथ-साथ वन विभाग के कर्मचारियों और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया।

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