*बारिश के लुकाछिपी से बढी किसानों की बढाई चिंता*
कोंढाली संवाददाता
काटोल – तहसील के कोंढाली तथा मेटपांजरा जिला परिषद क्षेत्र सहित विभिन्न स्थानों पर भीषण गर्मी से जहाँ आम जनमानस परेशान था। वहीं जुन माह के 15-16 तारीख इस क्षेत्र में कहीं कहीं बारिश हुई ।विगत आठ दिनों से बादल मंडराते है, तेज तूफानी हवा भी बहती है पर बारिश नही होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं हैं। मानसून विभाग के जानकारी के आधार पर किसानों ने बारिश की आस लगाये बैठे थे । पर मानसून का अनुमान गलत साबित हुआ। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे किसान मौसम का मिज़ाज देखकर मायूस हो रहे हैं बारिश न होने से कपास सोयाबीन व सब्जियों सहित विभिन्न प्रकार की फसल पर काफी असर पड रहा है वहीं जिनके पास सिचाई के साधन नहीं है उनका और भी बुरा हाल है चाहकर भी किसान बुआई ना होने के चलते सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।
इधर मौसम का मिज़ाज काफी तल्खी भरा हुआ है कभी कभी तो बादलों की लुकाछिपी देखकर किसानों को एक उम्मीद बन जाती है कि शायद अब बरसात होगी लेकिन चंद ही पलो में आसमान बिल्कुल साफ नजर आने लगता है जिससे अब किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है जैसे तैसे कुछ किसानों ने कपास तथा सोयाबीन की बुआई की हैं। लेकिन अब उनको बचाए रखने में पसीने छूट रहे हैं निजी संसाधनो के जरिए इन्हे बचाया जा रहा है जिसमें अतिरिक्त पैसे खर्च हो रहे हैं वहीं क्षेत्रीय किसानों ने बताया कि जून का समय भी खत्म हो होने को आया है, लेकिन अब तक बारिश लुका छिपी का खेल खेल रही है।
स्थानीय किसानों ने बताया कि गरीब किसानों को जुताई खाद बीज के लिए बडी मशक्कत करनी पड रही है। वहीं संतरा बागानों को तेज धूप और तान देने से संतरा मोसंबी बागान सुखने लगे हैं ।अब सिंचाई के लिए भी महंगे संसाधनों का सहारा लेना पड़ सकता है । यह जानकारी सतीश पाटील चव्हाण,राष्ट्रपाल पाटील,प्रकाश बारंगे,याकूब पठाण,संजय राऊत, राधेशाम राठी आदी द्वारा दी गयी है ।
परंतु मध्यम वर्गीय व गरीब किसानों का सहारा सिर्फ मानसून ही रहता है लेकिन वह भगवान भरोसे हैं कि आखिर इन्द्र भगवान कब प्रसन्न होगे ? यही ग्रामीण क्षेत्र में किसानों का सवाल बना हुआ है ।