*एकही दिनमे दर्जनो सापो का कीया रेस्क्यू*
*धरे गये साँपोको खापा वनक्षेत्र अधिकारीके उपस्थितीमे खापा वन क्षेत्रमे छोडा गया*
सावनेरः दि.31 जुलई 2022 का दिन सर्पमित्रोके लीये बडाही कठनाई भरा रहा जहा सावनेर शहर तथा आसपासके गावोके विविध ठीकाणोसे दर्जनो साँपोको पकडनेमे काफी मशक्कत करणी पडी.इनमे विविध प्रजातीयोके छोटे बडे तथा विषैले सापोको बडीही सावाधानीसे पकडकर उन्हे जंगलोमे छोड उनके प्राण बचानेका सुखद आनंद इन सर्पमित्रोके चेहरोपर नजर आता है.*
*अकसर इंन्सान साँपोके बारेमे अनेक गलत धारणाये बनाये बैठा है.और हमारे फील्मोमे भी दिखाया जाता है की साँप दुध पीता है,साँप बदला लेता है,साँप काटनेपर उसे तंत्रमंत्र तथा जादूटोणेसे पीडितकी जान बचाई जासकती है यह सब गलत धारणा है.साँप असलमे इंन्सान का सबसे बडा मीत्र तथा पर्यावरणके संतुलनको बनाये रखनेमे सहाय्यक होते है.इसीलीये हमारे पुर्वजोने उन्हे देवताओ की श्रेणीमे रख इन्हे पुज्यनीय स्थान दिया है.श्रावण मास तथा नागपंचमी को इन्हे बडेही श्रध्दाभावसे पुजा जाता है.
*फीलहाल बारिश तथा खेती कीसानीके दीन है ऐसेमे खेत खलीयान तथा घरोके आसपास जमे कचरेके ढेरोमे इनकी उपस्थिती पाई जाती है.साँप दिखते ही या उसका नाम सुनते ही मनमे डर उत्पन्न होकर लोग उन्हे मारने दौड पडते है.जीससे साँपोकी संख्या लगातार घटने लगी है.साँपोके संरक्षण हेतू अनेक सर्पमित्र सापोको बचाने हेतू प्रयासरत है.सावनेर शहरमे भी ऐसेही सर्पमित्रोने करिब एक दिनमे दर्जनो विषैले तथा बीन विषैले सापोको रेस्क्यू कर उन्हे करिबके खापा वनक्षेत्रमे छोड उनके प्राण बचाये.सर्पमित्र घनश्याम तुर्के,अजय पटेल व इनके सहयोगी युवाओने अबतक हजारो साँपोको पकडकर जंगलोमे छोडा गया.सर्पमित्रोके इस साहसपुर्ण कार्योकी सर्वत्र प्रशंसा की जारही है.वही सावनेर तालुकामे कार्यरत सर्पमित्र घनश्याम तुर्के,अजय पटेल,मोहित बरसकर,सूरज तभाने,श्याम पासवान,संकेत गमे,अक्षय आवारी,हर्ष बिलवार,स्वप्निल पाचबावे आदी सर्पमित्रोसे संपर्क कर अपने परिवार की सुरक्षाके साथ ही साँपोको बचाने हेतू आगे आनेकी अपील सर्पमित्र घनश्याम तुर्केने की है.*