*कामगार प्रकाशसिंग राठोड की मौत कीसकी जबावदेही*
*पाटनसांवगी कोल माईन या ठेकेदार बबन हुलडे*
सावनेरः तहसीलके पाटनसांवगी कोयला खदानमे ड्युटीपर काम करते वक्त हुयी कामगार प्रकाशसिंग दिपचंद राठोड 43 की मौत पाटनसांवगी कोल माईन प्रबंधन के कार्यप्रणाली पर अनेक सवाल खडे कर गयी.एक ओर कोलमाईन प्रबंधन तथा ठेकेदार बबन हुलडे की लापरवाही की किमत दो मासुम बच्चोको अपना पीता,बेसहारा हुयी पत्नी को अपना पती और बुढे माँ बापको अपना जवान बेटा खोकर चुकानी पडी.इस मामलेकी उचीत जाँच कर दोषीयोपर कडी कारवाई की मांग मु्तक के भाई सुभाष राठोड तथा सभी कामगार संघटनाओने की है*
*दि.3 फरवरी गुरुवार रात करिब 9 -00 बजे हुये ईस हादसेसे कामगार तथा कामगार संघटनाओमे काफी रोष का बना हुआँ है.वही इस घटनाके लीये ठेकेदार के साथ साथ पाटनसांवगी खान प्रबंधनको भी दोषी.मान रहे है वही खान प्रबंधन भी खदानके अंदर हुयी मौत को बहार दिखाने या कोलमाईन के वलनी अस्पतालमे होनेका बतानेपर तुली है.*
*साथी कामगारोकी माने तो कामगार प्रकाशसिंग की मौत 13 लेवल बेल्ट पर काम करते वक्त घटनास्थलपर ही हो गयी है.जीस वक्त उसकी मौत हुयी वहा फस्ट एँड.(प्रथमोपचार) कोईभी सुविधा उपलब्ध नही थी.साथ ही घटनाकी सुचना मीलनेपर भी ठेकेदार तथा संबंधीत अधिकारी नदारद होने की बात कही जारही है*
*कामगारो का ठेकेदार पर आर्थिक तथा मानसिक शोषन का आरोप*
*बता दे की उक्त हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुचे हमारे स्थानीक संवादाता को कामगार तथा कामगार संघटनाओके प्रतिनिधीयोने बताया की ठेकेदार बबन हुलडे कामगारोका शोषण करणेमे कुप्रसिद्ध है.ठेकेदार व खान प्रबंधन की मीलीभगत से कामगारोका आर्थिक,मानसिक तथा शारिरीक शोषण कीया जारहा है.कोई कामगार इसके खीलाप आवाज उठाता है तो उसे कामसे बंद कर दीया जाता.एक ओर बढती उम्र, बेरोजगारी तथा परिवारकी जबाबदारी के कारण कामगार ठेकेदार और खान प्रबंधन के शोषण का शिकार हो रहे है जिसके चलते कामगारोको अधीअधूरी पगार,उसमे भी अगर काम करणा है तो अपना एटीएम और बँक पासबुक ठेकेदारके पास रहता है.ठेकेदार तय मासिक मेहनताना कामगार के बँक खातोमे डालतातो जरूर है पर उसमेसे आधासे ज्यादे खुद ही निकालकर फीर एटीएम कामगारो को देणे की बात आगे आरही है.साथ ही कामगारो का सामुहीक बीमा,ईपीएफ,भविष्य नीधी,आदी कामगार सुविधाये भी नीयमीत नही होनेकी बात आगे आरही है.जीसकी उचीत जाँच होनी आवश्यक है और यह सब बगैर खान प्रबंधन के सहयोग बीना संभव नही.या यु कहे की कोयले के दलालीमे हाथ काले.यह बात ठेकेदार बबन हुलडे को एचडीएर आँपरेटींग का ठेका दीया गया था तो उसके कामगार बेल्ट तथा अन्य स्थानोपर काम कैसे कर रहे है.क्या उन कामगारोके पास ईन कामो हेतू लगनेवाला व्हिटीसी प्रमाणपत्र है.सुनने मे आता है की ठेकेदार बबन हुलडे का कोल क्षेत्रमे इतना प्रभाव है की वो मात्र आधे घंटेमे सभी प्रकार के व्हिटीसी प्रमाणपत्र उपलब्ध करा लेता है जीसने लीये तय कुछ दीनोका प्रशिक्षण कामगारोको लेना अनिवार्य हैता है*
*पाटनसांवगी कोयला खदानमे हुये ईस हादसेके बाद हमारे स्थानिक संवादाता ने कोयला खदान सेफ्टी बोर्डके सदस्य जितेंद्र सिंह मल्ल ने पाटनसांवगी तथा अन्य कोयला खानोमे खान प्रबंधन और ठेकेदारीकी जारी मनमानी तथा शोषण व कामगारोके अधिकारोपर अपने विचार साझा कीये इस अवसर पर इंटकके नागपुर ऐरीया अध्यक्ष नरेश बर्वे,सेफ्टी बोर्ड सदस्य अखीलेश सिंग,वेलफेअर सदस्य ब्रिजेश सिंग,कामगार नेता राहुल सिरीया,देवानंद सिंग बाबा खान आदी उपस्थित थे*